
शराबी Lyrics - प्यार का पंचनामा 2 | शरीब , तोषी , राजा हसन
बारटेंडर से मैं ये कहता हूँ
रात भर मैं नशे में रहता हूँ
मेरा आर्डर रिपीट कर कर के
पिलाता जा ना नीट भर भर के
तुझको जाना है तो घर पे जा तू
काम मेरा ये एक कर के जा तू
रे मुझको दे जा तू ठेके की चाबी रे चाबी
या तो मैं हूँ शराबी या है बोतल शराबी
चाहे जितना भी रोकूँ ये करे है खराबी
या तो मैं हूँ शराबी या है बोतल शराबी
चाहे जितना भी रोकूँ ये करे है खराबी
पीने ते मैनु नफरत सी
हुन चस्का पह गया पीने दा
जेहड़ा लाके बुला नु छड दे वे
ओह काम है यार कामिनी डा
(दारु सारे पीते हैं
हम थोड़ी ज्यादा पीते हैं )
ओ ... पीने ते मैनु नफरत सी
चस्का पह गया पीने दा
लाके बुला नु , छड दे वे
काम है यार कामिनी दा
ये सारी दुनिया घुटनी
दारु न मुझसे छूटनी
मैं खाली बोतल तोडूं
पीने से मुंह न मोडून
ये गली है मेरे यारा दी
लोकन नु सोहनी लगदी ऐ
मैं पूरी बोतल पि जाना
मैनु फिर भी थोड़ी लगदी ऐ
हो या तो मैं हूँ (शराबी !)
या बोतल है (शराबी !)
हो चाहे जितना भी रोकूँ
ये करे है खराबी
हाँ मैं बेशक शराब पीता हूँ
चीज़ बिलकुल ख़राब पीता हु
लोग दो -चार घूँट पीते हैं
मैं तोह बस बे -हिसाब पीता हु
तुझको जाना है तोह घर पे जा तू
काम मेरा ये इक करके जा तू
रे देजा मुझको तू ठेके की चाबी रे चाबी
या तो मैं हूँ शराबी या है बोतल शराबी
चाहे जितना भी रोकूँ ये करे है खराबी
हो या तो मैं हूँ (शराबी !)
या बोतल है (शराबी !)
चाहे जितना भी रोकूँ ये करे है खराबी